हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में पटवारी, कानूनगो और नायब तहसीलदारों के कैडर को मंडलीय, जिला और सैटलमेंट स्तर से बदलकर स्टेट कैडर में शामिल कर दिया है। यह निर्णय प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, जिससे नियुक्ति और पदोन्नति की प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके।
हालांकि, इस फैसले का पटवारी और कानूनगो महासंघ द्वारा विरोध किया जा रहा है। उनका मानना है कि स्टेट कैडर लागू होने से उनकी वरिष्ठता सूची प्रभावित होगी और भविष्य में होने वाली पदोन्नतियों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। इसके विरोध में चंबा जिले में पटवारी और कानूनगो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे राजस्व संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
इसके अलावा, प्रदेश के अन्य जिलों में भी पटवारी और कानूनगो सामूहिक अवकाश पर गए हैं, जिससे प्रमाणपत्र बनाने और जमीन की पैमाइश समेत राजस्व विभाग से जुड़े कार्य प्रभावित हो रहे हैं। महासंघ ने सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।
सरकार और पटवारी-कानूनगो महासंघ के बीच इस मुद्दे पर वार्ता की संभावनाएं बनी हुई हैं, ताकि एक समाधान निकाला जा सके जो दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य हो और जनता को होने वाली असुविधा को कम किया जा सके।
0 Comments