करुणामूलक आश्रितों की पॉलिसी में बदलाव करे सरकार: अजय कुमार
हिमाचल करुणामूलक संघ का कहना है कि प्रदेश सरकार उनका दर्द समझेगी और उनकी मांगों को पूरा करेगी. मंडी में करुणामूलक आश्रितों की जिला स्तरीय बैठक हुई. जिसके बाद संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कि उनकी सरकार से यही मांग है कि करुणामूलक आश्रितों के लिए सरकार नौकरियों का विशेष प्रावधान करे और करुणामूलक आश्रितों के लिए बनाई गई पॉलिसी में बदलाव किया जाए. (Karunamulak Sangh meeting in Mandi) (Demands of Karunamulak Sangh) (Himachal Karunamulak Sangh)
मंडी: प्रदेश की कांग्रेस सरकार करुणामूलक आश्रितों के दर्द को समझेगी और आने वाले बजट में करुणामूलक आश्रितों के लिए स्पेशल प्रावधान करके राहत प्रदान करेगी. यह उम्मीद करुणामूलक आश्रित परिवारों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से लगाई है. करुणामूलक संघ की जिला स्तरीय बैठक मंडी में आयोजित हुई. यह बैठक करुणामूलक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई.
हिमाचल करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि करुणामूलक परिवारों के 3 हजार केस अभी तक पेंडिंग पड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार से करुणामूलक आश्रित एकमुश्त नौकरियों की मांग करते रहे. लेकिन भाजपा ने उनकी मांगे नहीं मानी जिसका खामियाजा उन्हें चुनावों में भुगतना पड़ा. अब एक बार फिर से करुणामूलक संघ एक्टिव हो चुका है. बैठक के दौरान करुणामूलक आश्रितों ने अपने सुझाव दिए ताकि सरकार उन्हें एकमुश्त नौकरियां दे सके. अजय कुमार ने सरकार से करुणामूलक आश्रितों की पॉलिसी में बदलाव करने की मांग की है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि करुणामूलक आश्रितों को एकमुश्त नौकरी दी जाए. 5 प्रतिशत नौकरी देने के कोटे की शर्त को हटाया जाए. वहीं, उन्होंने कहा कि करुणामूलक आश्रितों को योग्यता के आधार पर नौकरी दी जाए.
बता दें कि पूर्व में रही भाजपा सरकार के समय में करुणआमूलक आश्रितों द्वारा 432 दिन का शिमला में रिकॉर्ड तोड़ धरना प्रदर्शन किया जा चुका है. वहीं, जनवरी माह में करुणामूलक संघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश के नए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से शिमला सचिवालय में भेंट की थी और करुणामूलक नौकरी बहाली की मांग की थी. वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा करुणामूलक नौकरी बहाली का आश्वासन संघ को दिया गया है. सीएम के आश्वासन के बाद करुणामूलक संघ की राज्य कार्यकारिणी प्रदेश के हर एक जिले में बैठक कर समस्त करुणामूलक परिवारों से सुझाव लेकर अपना एजेंडा 15 फरवरी से पहले प्रदेश सरकार व मुख्य सचिव को सौंपेगें.
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